दूरसंचार नियामक ट्राई ने मौजूदा मोबाइल फोन में अंकों की संख्या 10 से बढ़ाकर 11. करने का सुझाव दिया है। नियामक ने नई सिफारिशें की हैं, जिसमें लैंडलाइन और मोबाइल सेवाओं के लिए एकीकृत नंबरिंग योजना भी शामिल है। इस सिफारिश के अनुसार, लैंडलाइन से मोबाइल नंबर पर कॉल करने से पहले शून्य पर कॉल करना अनिवार्य होगा।
TRAI का कहना है कि मोबाइल नंबरों में अंकों की संख्या 11 होगी और अगर यह संख्या 9 अंकों से शुरू होती है, तो यह लगभग 10 बिलियन मोबाइल नंबर दे सकती है। नियामक का कहना है कि भले ही 70 फीसदी का इस्तेमाल हो, लेकिन सात अरब मोबाइल नंबर उपलब्ध होंगे।
ट्राई ने डोंगल के लिए वितरित मोबाइल नंबरों की संख्या को 13 अंकों में बदलने का भी सुझाव दिया। नियामक ने उन लैंडलाइनों के लिए भी सिफारिशें की हैं जिनके तहत दो या चार के तय लाइन नंबरों को उप-स्तरों पर ले जाने का सुझाव दिया गया है।
क्यों जरूरत पड़ी
ट्राई ने पिछले साल सितंबर में इस मुद्दे पर सार्वजनिक राय मांगी थी। नियामक का कहना है कि मौजूदा स्थिति में देश में दूरसंचार कनेक्शन को लेकर लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए 2050 तक का समय लगेगा। साथ ही 260 मिलियन अंक भी आवश्यक होंगे। इस कारण से, TRAI ने मोबाइल अंकों की संख्या बढ़ाने की सिफारिश की है।
वर्तमान में, देश में 9, 7 और 8 नंबरों से शुरू होने वाले 10-अंकीय मोबाइल नंबरों की 210 करोड़ की क्षमता है। जबकि 125 करोड़ के करीब मोबाइल कनेक्शन दिए गए हैं।
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